आपको रहती है हर वक्त थकान तो ये हो सकता है कारण
ठंड का मौसम आ गया है तो इस मौसम में जमकर हरी सब्जियां, साग और मेवे खाइए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें छिपा है आहार का वह पोषक तत्व, जो आपके शरीर की हर प्रक्रिया और तंत्र के संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। यह है मैग्नीशियम। मैग्नीशियम एक ऐसा पोषक तत्व है, जिस पर न यादा बात होती है और न ही यादा ध्यान दिया जाता है। महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों की अधिकता को देखते हुए भी मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का उल्लेख करना गलत नहीं होगा। यह शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है।
क्या होती हैं समस्याएं: मैग्नीशियम परदे के पीछे रहकर काम करने वाला पोषक तत्व है। यह रक्त में मिला नहीं होता, बल्कि हर अंग-प्रत्यंग में मौजूद होता है। इसीलिए इसे अलग से जांचना भी मुश्किल होता है। कुछ समय पहले तक अकारण थकान या पैरों की मांसपेशियों में होने वाली अकडऩ आदि के लिए विटामिन बी-12 या विटामिन डी की कमी को ही प्रमुख कारण माना जाता था। लेकिन अब नए शोध और अध्ययनों ने मैग्नीशियम की कमी के प्रति भी चिकित्सकों को सचेत किया है। मैग्नीशियम की कमी अब एक आम बात है, क्योंकि हमारे भोजन से हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज आदि गायब हो रहे हैं। साबुत अनाज खाने का प्रचलन भी कम हो रहा है। कैल्शियम की अधिकता भी इसका एक कारण हो सकता है।
क्या हैं फायदे: मैग्नीशियम प्रेग्नेंसी में शरीर के ऊतकों में हुई क्षति की मरम्मत करता है। अगर इसकी कमी हो जाए, तो बचे के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी सहायक होता है। वैसे तो हड्डियों की सेहत के लिए सबसे महत्वपूर्ण कैल्शियम और विटामिन डी को माना जाता है। लेकिन कुछ अध्ययनों का यह भी मानना है कि मेनोपॉज के बाद हड्डियों की सेहत में मैग्नीशियम की भी भूमिका होती है।
क्या हैं लक्षण: इसकी कमी होने पर शरीर में ऊर्जा देने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन पैदा हो जाता है और थकान और कमजोरी महसूस होती है। इसकी कमी से हमारी नव्र्स प्रभावित हो जाती हैं और शरीर के सभी तंत्र, जैसे पाचन तंत्र, हृदय का संचालन, श्वसन तंत्र आदि के काम में बाधा पहुंचने लगती है। जिन लोगों को मैग्नीशियम की कमी होती है, उनमें मांसपेशियों में अकडऩ जैसी समस्याएं आम बात हैं। बहुत यादा कमी हो जाती है, तो मूड में उतार-चढ़ाव, नींद लेने में परेशानी, हाइपरएक्टिविटी, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
ऐसे करें खुराक में शामिल: हर रोज अगर पालक या मेथी ही बनेगी, तो घर के लोग ही बगावत कर देंगे। इसलिए आप पालक, मेथी या ऐसी अन्य पत्तेदार सब्जियों को लेकर प्रयोग कर सकती हैं। इस लिहाज से अछी तरह धुली पालक को हल्की आंच दिखाकर मिक्सी में पीसकर उसे आटे में गूंद सकती हैं। हल्की अजवाइन और नमक मिली पालक वाली रोटियां गर्मागर्म बहुत स्वादिष्ट लगेंगी। आप इन्हें दाल में भी डाल सकती हैं।पालक पनीर तो खैर सबको पसंद होता ही है। इसे बनाने में यादा समय नहीं लगता है।पालक या मेथी को आलू में अन्य मसालों के साथ मिलाकर टिक्कियां बना सकती हैं। पालक की पकौडिय़ां भी सबको खूब पसंद आएंगी।पालक या मेथी की इडलियां बनाएं। उसे फ्राई करके व नीबू निचोड़कर सुबह नाश्ते में गर्मागर्म पेश करें।सूखे बीज, मेवे आदि तो सुबह यूं ही खाने को दिए जा सकते हैं। हर रोज पांच बादाम का सेवन भी मैग्नीशियम की कमी नहीं होने देगा। थोड़े प्रयासों से आप घर के सदस्यों को मैग्नीशियम की उपयुक्त खुराक दे सकती हैं। मौसम का फायदा उठाने से चूकिए नहीं और ठंड के मौसम में खूब हरी सब्जी खाएं।
(विशेषज्ञ : कविता देवगन, सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट व रितिका समादार, आरडी, रीजनल हेड, डिपार्टमेंट आफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन ऐंड डाएटिक्स, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली )