ये कृषि कानून कॉरपोरेट लालच के आगे हमें कमजोर करेंगे
किसान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, कहा …
नई दिल्ली (एजेंसी)। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का शुक्रवार को 16वां दिन था। किसानों और सरकार की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कृषि बिलों को शुक्रवार को कोर्ट में चैलेंज किया। उनका कहना है कि इन कानूनों के चलते किसान कॉरपोरेट के लालच के आगे कमजोर होंगे। इससे पहले किसान ऐलान कर चुके कि अब देशभर में ट्रेनें रोकेंगे। इधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों को विरोध छोड़कर बातचीत करनी चाहिए, हम इसके लिए तैयार हैं। किसानों ने बुधवार को सरकार का लिखित प्रपोजल ठुकरा दिया था। इस बारे में कृषि मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि हमें किसानों से कोई जवाब नहीं मिला। सिर्फ मीडिया के जरिए पता चला कि उन्होंने प्रपोजल ठुकरा दिया। हमने अपने प्रपोजल में आपत्तियां दूर करने की कोशिश की है। हमें उनकी तरफ से आगे की बातचीत का प्रपोजल नहीं मिला है। किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि कानून रद्द करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ, इसलिए जल्द ट्रेनें रोकने की तारीख का ऐलान करेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा। सरकार कानून वापस ले तो किसान अपने घरों को चले जाएंगे।किसानों की मांगों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मोदी ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा है कि इसे जरूर सुनें। किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर ड्यूटी देने वाले 2 आईपीएस अफसर कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें एक डीसीपी और एक एडिशनल डीसीसी शामिल हैं। इन्हें होम आइसोलेट कर दिया गया है।