कोलगेट-पॉमोलिव ने डायबिटिक्स के लिए ओरल केयर प्रस्तुत की
नई दिल्ली। कोलगेट-पॉमोलिव (इंडिया) लिमिटेड ने डेंटिस्ट्स एवं डायबिटीज विशेषज्ञों के साथ सहयोग कर, शोध करके डायबिटीज पीडि़तों के लिए एक विशेष टूथपेस्ट, कोलगेट फॉर डायबिटिक्स का विकास किया है। इस लॉन्च का उद्देश्य डायबिटीज मैनेजमेंट एवं ओरल हैल्थ मैनेजमेंट के बीच द्विमार्गी संबंध की ओर ध्यान आकर्षित करना है, ताकि डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद करते हुए डायबिटीज पीडि़तों की ओरल हैल्थ समस्याओं का प्रभावशाली समाधान प्रस्तुत किया जा सके।भारत में पहले डायबिटीज विशिष्ट ओरल केयर उत्पाद के लॉन्च के बारे में, अरविंद चिंतामणि, वाईस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग, कोलगेट-पॉमोलिव (इंडिया) लिमिटेड ने कहा, ”भारत में डायबिटीज में चिंताजनक वृद्धि हुई है और दुर्भाग्य से ओरल हैल्थ मैनेजमेंट एवं डायबिटीज मैनेजमेंट के बीच के संबंध के बारे में यहां पर जागरुकता की कमी है। कोलगेट ने डायबिटीज विशेषज्ञों एवं ओरल हैल्थ विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करके यह खास दैनिक उपयोग का टूथपेस्ट बनाया है, जिसे कोलगेट फॉर डायबिटिक्स नाम दिया है। यह फॉर्मुला क्लिनिकली प्रमाणित है और इसमें जामुन, नीम एवं आमला अर्क जैसे आयुर्वेदिक तत्व मिले हैं। हम बहुत उत्साहित हैं और यह बेहतरीन इनोवेशन भारत में डायबिटीज पीडि़तों तक पहुंचाने के लिए आशान्वित हैं। डायबिटीज के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित शोध संस्थान-रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) एवं अग्रणी ओरल हैल्थ संस्थान-इंडियन सोसायटी ऑफ पेरियोडोंटोलॉजी (आईएसपी) ने मिलकर डायबिटीज एवं ओरल स्वास्थ्य के बीच संबंध का अध्ययन किया। यह अध्ययन इन संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित किया गया, जिसमें ये स्पष्ट परिणाम प्राप्त हुए कि जीवनशैली के परिवर्तनों के साथ ओरल केयर के सही समाधान डायबिटीज के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं। कोलगेट फॉर डायबिटिक्स टूथपेस्ट क्लिनिकली प्रमाणित फॉर्मूला है, जिसमें आयुर्वेदिक तत्वों जैसे मधुनाशिनी, नीम, जामुन बीज का अर्क एवं आमला का अद्वितीय मिश्रण है। यह विशेष फॉर्मूला मुंह में मौजूद एनॉर्बिक बैक्टीरिया को मारता है, जो डायबिटिक्स के लिए ओरल हैल्थ की समस्याओं का मुख्य कारण होता है। यह अद्वितीय मिश्रण एफडीए अनुमोदित है और ऑनलाईन एवं ऑफलाईन फार्मेसी से खरीदा जा सकता है। भारत में इस समय 77 मिलियन डायबिटिक्स हैं। जिनमें से लगभग 43.9 मिलियन का निदान नहीं हुआ है, इसलिए यह देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जहां डायबिटीज पीडि़त व्यस्कों एवं बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है।