कोविड के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी बन कर आई है वैक्सीन : हषवर्धन
3351 सत्र में किया गया वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का किया इस्तेमाल
देशभर में शुरू हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत में कोविड-19 के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का आगाज हो गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि देश में 3351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीनेशन निश्चित रूप से हम सब के लिए कोविड के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी के रूप में प्रस्तुत की गई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के कदम और तेजी से आगे बढ़ेंगे ये हमें निश्चित नजर आता है। मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल में पहला टीका लगाने वाले कंपाउंडर शक्ति पांडेय वैक्सीन लेने के बाद बेहोश हो गए। जैसे ही उन्हें टीका लगा उन्हें चेस्ट पेन होने लगा और फिर वे बेहोश हो गए। हेल्थ चेकअप के बाद जब वे होश में आए तो उन्होने कहा कि सब ठीक है, आप भी टीका लगवाएं। वहीं वैक्सीन को लेकर अफवाहों पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि पूरा टेस्ट करके ही उसे मंजूरी दी गई है। सारी दुनिया में अगर सबसे अच्छी वैक्सीन तैयार की गई है तो भारत में की गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भरता में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले घटकर कुल पॉजिटिव मामलों के 2त्न रह गए हैं। कोरोना वायरस का रिकवरी रेट अब 96.56त्न है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वैक्सीनेशन की शुरूआत पूरे देश में हुई है। जिन लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है, उसकी सफलता को देखकर स्वाभाविक है कि लोग वैक्सीनेशन कराएंगे। हमारे देश के वैज्ञानिक 4 और वैक्सीन लगभग तैयार कर चुके हैं। सिंह ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों को भी जहां जरूरत होगी, हम वैक्सीन का निर्यात भी करेंगे। भारत सिर्फ अपनी चिंता करने वाला देश नहीं है। पूरा देश एक परिवार है ‘वसुधैव कुटुंबकम का संदेश हमारे देश ने दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक साल से ज्यादा समय से हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्व में बहुत से लोगों की जान गई। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया में अगर कोरोना के खिलाफ सबसे सफल जंग कहीं लड़ी गई है तो वो भारत के अंदर लड़ी गई है। शाह ने कहा कि वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो गया है। विश्व में कोविड से सबसे कम प्रतिशत मौतें भारत में हुई हैं और सबसे ज्यादा लोग ठीक होकर अपने परिवार के पास लौटे हैं। पीएम ने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और ”दवाई भी, कड़ाई भी का मंत्र दिया। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने ”सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया के मंत्रोच्चार के बीच रिमोट कंट्रोल से अभियान की शुरुआत की और कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यही टीके अब भारत को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ”निर्णायक जीत दिलाएंगे। प्रधानमंत्री ने जनता से आग्रह किया कि जिस तरह धैर्य के साथ उन्होंने कोरोना वायरस का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब टीकाकरण के समय भी दिखाना है। सीएम अशोक गहलोत ने बताया 167 बूथ पर वैक्सीन लगाई जाएगी। लोगों के अंदर बहुत उत्साह है, आपको मैं विश्वास दिलाता हूं जिस प्रकार से हमने कोरोना का मुकाबला किया उसी ढंग से वैक्सीन का काम भी अच्छे ढंग से पूरा होगा। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये शनिवार को टीकाकरण की शुरूआत के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा स्थानीय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा ने सबसे पहले टीका लगवाया। सांसद ने इसकी जानकारी दी । शर्मा ने बताया कि यह टीका उन्होंने सांसद होने के नाते नहीं, अपितु एक डॉक्टर होने के नाते लगवाया है। उनके अनुसार उनका ग्रेटर नोएडा का अस्पताल कोविड-19 अस्पताल है, तथा उन्होंने कोरोना काल में एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों का उपचार किया है। उल्लेखनीय है कि शर्मा को कोरोना टीका का दूसरा खुराक उन्हें आगामी 15 फरवरी को दिया जायेगा । उत्तर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर अस्पताल का दौरा किया और जिन स्वास्थकर्मियों को टीका लगा था उनसे मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। इस अवसर पर योगी ने कहा कि अफवाहों से बचे और टीका लगने के लिये अपनी बारी का इंतजार करें । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शनिवार का दिन उमंग और उत्साह का है। पूरे देश को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने का अवसर मिला। टीकाकरण की शुरुआत के साथ ही हम कोरोना के खिलाफ जंग में विजय की तरफ बढ़ रहे हैं।
देश भर में कोविड—19 टीकाकरण की शुरूआत के साथ ही प्रदेश में भी शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी शुरूआत की । इस दौरान रांची के सदर अस्पताल की सफाईकर्मी मरियम गुडिय़ा को सबसे पहले टीका लगाया गया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह टीका वैश्विक महामारी में देश के लिए वरदान साबित होगा। पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया, जिसमें एक निजी अस्पताल की एक डॉक्टर को पहला टीका लगाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पीएम ने कहा कि टीके के बाद दूसरी डोज कब लगेगी। ये फोन पर जानकारी दी जाएगी। पीएम ने कहा कि दूसरी खुराक बहुत जरूरी है। इसे न लगवाने की भूल न करें। दूसरी डोज लगाने के दो हफ्ते बाद ही कोरोना के खिलाफ जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगने के बाद असावधानी न बरतें। प्रधानमंत्री के मुताबिक, भारतीय वैक्सीन विदेशों की तुलना में बहुत सस्ती है। यह ऐसी तकनीक पर ऐसी बनाई गई है, जो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल है।
कोरोना टीकाकरण अभियान का सीएम गहलोत ने किया शुभारंभ

जयपुर (कासं.) । कोरोना महामारी के बीच भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसका शुभारंभ किया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य स्तरीय कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम का आगाज किया। इसके साथ ही सभी जिलों में कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया । मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से वेक्सीन का इंतजार था, जो अब खत्म हो गया है । कोरोना से जंग लडऩे में सरकार ने कोई कमी नहीं रखी। सबसे पहले लॉकडाउन राजस्थान में लगाया गया। इस दौरान ट्रेनों और बसों के जरिए लोगों को उनके घर भेजा गया। गहलोत ने कहा कि कोरोना प्रबंधन के चलते भीलवाडा देश-विदेश में चर्चा का विषय बना। केंद्र सरकार ने भी भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ की। सीएम ने कहा कि कोरोना के चलते जो प्रोटोकॉल लागू किया गया है, उसे वेक्सीन लगाने के बाद भी निभाना पड़ेगा। तभी हम कोरोना की चैन तोड़ पाएंगे । जनता को आश्वस्त करते हुए गहलोत ने कहा कि वैक्सीन से घबराने की जरूरत नही है, क्योंकि काफी परीक्षण के बाद ही वैक्सीन आई है । मुख्यमंत्री ने कोरोना वारियर्स को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी ने मिलकर कोरोना से जंग लड़ी। अगर कोई कोरोना वॉरियर्स की ड्यूटी के दौरान मौत होती है तो राज्य सरकार उसे 50 लाख रुपए देगी।जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. सुधीर भंडारी को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। प्रदेश में पहले दिन 161 केन्द्रों पर कोविशील्ड और जयपुर के 6 केन्द्रों पर कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी। राजस्थान को 13 जनवरी को 2 कंपनियों के 563500 वैक्सीन डोज मिले हैं, जिन्हें सभी जिलों को आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध कराया गया है। कार्मिक को 0.5 एमएल की पहली खुराक दी जाएगी। इसके 28 दिन बाद दूसरी खुराक उसी कंपनी की 0.5 एमएल दी जाएगी। कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित ना हों, इसके लिए सप्ताह में 4 दिन वैक्सीनेशन किया जाएगा।सभी वैक्सीन केन्द्रों का चयन इस तरह किया गया है कि उपचार और जरूरत के समय व्यक्ति को रैफर करने की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध हो। कलक्टरों को कहा गया है कि सीएमएचओ व आरसीएचओ के साथ वीसी व अन्य जरिए से सम्पर्क में रहें। राज्य से 6 लाख से अधिक कार्मिकों का डेटा 14 जनवरी शाम तक अपलोड किया जा चुका है। इसमें सरकारी, निजी व केन्द्रीय मंत्रालयों के स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। इनमें राज्य के 487381 सरकारी व निजी, 6758 केन्द्रीय कर्मचारी हैं। 101761 फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटा भी अब तक अपलोड हो चुका है। प्रथम चरण में 3345 सरकारी अस्पतालों एवं 2969 निजी अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 3736 केन्द्रों की जानकारी कोविन सॉफ्टवेयर में अपलोड की गई है। राज्य के अधिकारियों ने कोवैक्सीन पर अभी रोक की खबर को निराधार बताया है। दरअसल, यह वैक्सीन जयपुर के 6 केन्द्रों पर लगाई जाएगी। इसके लिए केन्द्र भी चयनित कर लिए गए हैं।