देश में निर्मित युद्धक टैंक हंटर किलर का अंतिम परीक्षण सफल
मिसाइल का भी इस पर नहीं होगा असर
जोधपुर (निसं.)। भारतीय सेना और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में एक बार फिर देश में निर्मित उन्नत युद्धक टैंक अर्जुन मार्क-1ए का परीक्षण किया है। सेना में हंटर किलर के नाम से प्रसिद्ध 118 टैंक खरीदने का ऑर्डर मार्च में तैयार कर लिया था, लेकिन सेना ने इस टैंक में कुछ और सुधार की मांग की थी। इसके बाद डीआरडीओ ने करीब 14 नए फीचर्स को टैंक में शामिल किया। इस टैंक का सोमवार को पोकरण में किया गया परीक्षण अपने सभी मानकों पर एकदम खरा उतरा। अब इसके सेना में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सेना की दो टैंक रेजिमेंट के पुराने टैंक इससे बदले जाएंगे।2004 में सेना में देश में ही निर्मित अर्जुन टैंक को शामिल किया गया था। इस टैंक को काम में लेने के बाद सेना ने इसके उन्नत वर्जन के लिए कुल 72 तरह के सुधारों की मांग की। डीआरडीओ ने सेना के सुझावों को शामिल करते हुए हंटर किलर टैंक तैयार किया। मार्च में पोकरण में ही किए गए परीक्षणों में यह खरा उतरा, लेकिन सेना ने कुछ और सुधार की सूची डीआरडीओ को थमा दी।इसके बाद डीआरडीओ ने ये सुधार कर 4 टैंक तैयार किए। इन टैंकों का परीक्षण पोकरण में किया गया। इस दौरान सैन्य विशेषज्ञों के साथ डीआरडीओ में इसे तैयार करने वाले विशेषज्ञ भी मौजूद थे। सेना ने इसे रूस के टी-90 पर तव्वजो प्रदान की है। डीआरडीओ का दावा है कि इतने सुधारों के बाद यह टैंक अपने आप में परिपूर्ण है और दुनिया के किसी भी बेहतरीन टैंक से किसी मायने में कम नहीं है।नए उन्नत वर्जन में इसकी फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया गया है। साथ ही इसमें एकदम नई तकनीक का ट्रांसमिशन सिस्टम लगाया गया है। हंटर किलर अपने लक्ष्य को स्वयं तलाश करने में सक्षम है। यह स्वयं तेजी से आगे बढ़ते हुए दुश्मन के लगातार हिलने वाले लक्ष्यों पर भी सटीक प्रहार कर सकता है।टैंक में कमांडर, गनर, लोडर व चालक का कू्र होगा। इन चारों को यह टैंक युद्ध के दौरान भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा। टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रणक्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करते हुए आसानी से आगे बढ़ सकता है। कंधे से छोड़ी जाने वाले एंटी टैंक ग्रेनेड और मिसाइल का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।इसके अलावा, केमिकल अटैक से बचाने के लिए इसमें विशेष तरह के सेंसर लगे हैं। केमिकल या परमाणु बम के विस्फोट की स्थिति में इसमें लगा अलार्म बज उठेगा। साथ ही टैंक के अंदर हवा का दबाव बढ़ जाएगा ताकि बाहर की हवा अंदर प्रवेश न कर सके। कू्र मेंबर के लिए ऑक्सीजन के लिए बेहतरीन फिल्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा इसमें कई नए फीचर्स शामिल किए गए हैं, जो इस टैंक को न केवल बेहद मजबूत बनाते हैं बल्कि सटीक प्रहार करने में इसका कोई सानी नहीं है।