चार हजार करोड़ टन से अधिक मिट्टी का खनन भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत
धौलपुर। जिले में उत्तर-मध्य रेल की तीसरी लाइन बिछाने के लिए बरैठा रेल पुल से लेकर चंबल रेल पुल तक जुलाई के अंत तक 4 हजार करोड़ टन से अधिक मिट्टी का खनन भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत है। मिट्टी पर 4 रुपए प्रति टन की रायल्टी व 3 रुपए प्रति टन लीज व अन्य खर्चे हैं तथा बिना अनुमति के खनन एवं परिवहन करते पाए जाने पर दस गुणा शास्ति वसूल करने का प्रावधान है। मिट्टी का खनन बिना अनुमति के किया जा रहा है।
रेल विकास निगम लिमिटेड, झांसी व आगरा मंडल ने ने तीसरी रेल लाईन बिछाने के लिए मिट्टी के कार्य का अनुबंध मैसर्स जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड से किया है, उसने खान एवं भू विज्ञान विभाग से अनुमति लिए बिना ही बरैठा रेल पुल से लेकर चंबल रेल पुल तक 4 हजार करोड़ टन से अधिक मिट्टी का खनन कर दोहरी रेल लाईन के किनारे बिछा दी है। बता दें कि 31 मई, 2019 को धौलपुर के एसडीएम भंवरलाल कांसोटिया ने तहसीलदार धौलपुर व प्रभारी पुलिस थाना सदर को पत्र लिख बिना अनुमति के मिट्टी का खनन करने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, उसके बावजूद किसी ने भी मिट्टी का खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
प्रतिबंधित भूमि को भी नहीं छोड़ा
मिट्टी का खनन करने वालों ने प्रतिबंधित भूमि को भी नहीं छोड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने चंबल रिवाइंस से मिट्टी के खनन सहित ऐसी गतिविधियों पर, जिनसे प्राकृतिक स्वरूप नष्ट होता हो, प्रतिबंध लगा रखा है, उसके बावजूद खनन कर्ताओं ने चंबल रिवाइंस को छलनी कर पर्यावरण को प्रदूषित किया है तथा जंगली जानवरों के स्वछंद विचरण व प्राकृतिक भू जल स्रोत को प्रभावित किया है। इतना ही नहीं उन्होंने ऐसे खातेदारों, जिनकी खातेदारी निरस्त की जानी थी, उनसे सहमति पत्र लेकर हल्का पटवारी की मिलीभगत से मिट्टी का खनन किया है।
उठ रहे हैं सवाल
बड़े पैमाने पर मिट्टी के उत्खनन से कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। मिट्टी का खनन गैर कृषि भूमि, कृषि भूमि, चंबल रिवाइंस, गैर वानिकी व वानिकी क्षेत्र से किया गया है। जानकार लोग बताते हैं कि मिट्टी का खनन वन, राजस्व, व खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नहीं हो रहा है तो अब तक उन्होंने प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की। 4 हजार करोड़ टन मिट्टी की रायल्टी ही 16 करोड़ व अन्य खर्चे 12 करोड़ रुपए होते हैं तथा बिना अनुमति के खनन पर 10 गुणा शास्ति राशि 280 करोड़ रुपए होती है।