कोरोना की दूसरी लहर के चलते आरबीआई ले सकता है अहम फैसला आम आदमी सहित बाजार होंगे प्रभावित
नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने और कुछ राज्यों में आंशिक लाकडाउन से अनिश्चितता बढ़ेगी। इससे औद्योगिक उत्पादन में सुधार की गति बाधित होगी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण बने अनिश्चितता के माहौल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय बैंक अभी कुछ समय और इंतजार करेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद सात अप्रैल को आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रिजर्व बैंक की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा सामने आएगी। महंगाई में भी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। ऐसे में रिजर्व बैंक दरों में कोई बदलाव नहीं करने का कदम उठा सकता है। रिजर्व बैंक इस पर नजर रखेगा कि महंगाई और आर्थिक सुधार की दशा-दिशा क्या है। पुरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर और कुछ राज्यों में आंशिक लाकडाउन को देखते हुए आरबीआइ यथास्थिति बनाए रखने का फैसला करेगा।आरबीआइ ने मई, 2020 में आखिरी बार नीतिगत दरों में कटौती की थी। उसके बाद से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस समय रेपो रेट चार फीसद और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई को नियंत्रित रखना केंद्रीय बैंक का अहम उद्देश्य है। इसे प्रभावित किए बिना किसी कदम की संभावना के लिए रिजर्व बैंक अभी सही समय का इंतजार करेगा। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने और कुछ राज्यों में आंशिक लाकडाउन से अनिश्चितता बढ़ेगी। इससे औद्योगिक उत्पादन में सुधार की गति बाधित होगी। जानकारों ने जताया है यह अनुमान-डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के ग्लोबल चीफ इकोनॉमिस्ट अरुण सिंह ने कहा कि लांग टर्म यील्ड की अनिश्चितता और कर्ज की लागत बढऩे की आशंका के बीच रिजर्व बैंक के सामने महंगाई को थामना बड़ी चुनौती है। इन परिस्थितियों में अनुमान है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। यूबीएस सिक्युरिटीज इंडिया की इकोनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन ने हालिया रिपोर्ट में अनुमान जताया कि आरबीआइ निकट भविष्य में बाजार में नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर देगा ताकि कर्ज जुटाने की केंद्र सरकार की कोशिशों पर प्रभाव न पड़े और आर्थिक सुधार में सहयोग मिले। मौद्रिक नीति समीक्षा से जुड़ी उम्मीदों पर एनरॉक प्रोपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि फरवरी, 2020 से अब तक आरबीआइ रेपो रेट में 115 आधार अंकों की कटौती कर चुका है।